“मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है कि मैंने ब्रह्माण्ड को समझने में अपनी भूमिका निभाई। इसके रहस्य लोगों के लिए खोले और इस पर किये गये शोध में अपना योगदान दे पाया। मुझे गर्व होता है जब लोगों की भीड़ मेरे काम को जानना चाहती है।”
यह शब्द है सदी के महान वैज्ञानिक, खगोलशास्त्री स्टीफ़न विलियम हॉकिंग के, टेलिस्कोप के अविष्कारक खगोलशास्त्री Galileo Galilei की मृत्यु के ३०० वर्षोबाद, ८ जनवरी १९४२ को स्टीफ़न हॉकिंग का जन्म हुवा | यूनिवर्सिटी collage ओक्स्फर्ड में फिजिक्स की पढाई के बाद सम्पूर्ण विश्वरचनाशास्त्र अर्थात cosmology का अभ्यास करने वह केम्ब्रिज विश्वविद्यालय चले गए | पर भविष्य की गोद में स्टीफ़न हॉकिंग कुछ के लिए और ही लिखा हुवा था | सन १९६३ के प्रारंभ में स्टीफ़न हॉकिंग के २१ वे जन्मदिन के करीब डॉक्टर ने उन्हें motor neuron disease, होने की पुष्टी की | डॉक्टर के मुताबिक वह सिर्फ २ वर्ष तक ही जीवित रहा सकते थे | इस घटना से वह प्रचंड तनाव में आ गए थे | लेकिन उस दौरान जिस अस्पताल में स्टीफ़न हॉकिंग भर्ती थे उनके बगल के बेड पर एक लड़का था जिसकी ल्यूकेमिया की वजह से मौत हो गई | और उस घटना के बाद स्टीफ़न हॉकिंग ने सोचा दुनिया में इतने जादा दुःख है जिसके सामने मेरा दुःख बहोत ही कम है | उसके बाद स्टीफ़न हॉकिंग ने पीएचडी पूरी की उनका जीवन विश्व की पहेलिया सुलझाने में लगा दिया |
बीमारी की वजह से वह उनके शरीर की मांसपेशियों पर नियंत्रण खो रहे थे | १९८५ के आते-आते वह बोलने – चलने की शक्ति पूर्ण रूप खो चुके थे | अब सिर्फ उनका दिमाग ही काम कर रहा था | अपने अक्सर तस्वीरों में उन्हें वीलचेअर पर चश्मा पहने देखा होगा | दरअसल बोलने-चलने की शक्ति खोने के बाद गाल की मांसपेशी के जरिए, अपने चश्मे पर लगे सेंसर को कम्प्यूटर से जोड़कर ही वह बातचीत करते थे | १९६५ में उनकी शादी Jane Wilde से हुई जिससे उन्हें तलाक से पहले ३ बच्चे भी हुए | १९९५ में उन्होंने फिरसे शादी भी की थी लेकिन २००६ में उनका फिर तलाक हुवा |
स्टीफ़न हॉकिंग ने ब्लैक होल और बिग बैंग सिद्धांत को समझने में अहम योगदान दिया। आइन्स्टइन की जनरल थ्योरी ऑफ़ रिलेटिविटी और क्वांटम सिद्धांत यूनाइटेड हो सकते है यह उन्होंने कहा | इससे पहले ऐसा माना जाता था की , ब्लैक होल से कुछ भी बाहर नहीं आ सकता लेकिन ब्लैक होल रेडिएशन छोड़ता है यह उन्होंने कहा, विश्व में मानव जाती सिर्फ एकमेव नहीं है बल्कि मानवों की तरह कई ऐसे जिव विश्व के अन्य ग्रह पर होने की संभावना है इस बात पर वह कायम थे | उनकी लिखी किताब अ ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ़ टाइम ३ वर्षो तक बेस्ट सेलर किताब रही उन्होंने "The Universe in a Nutshell," "The Grand Design" and "On the Shoulders of Giants." यह किताबे भी लिखी | उन्होंने उनकी बेटी लूसी के साथ मिलकर पाठशाला के छात्रों के लिए विश्व के उत्त्पति के बारे किताबो की एक शृंखला भी लिखी | उन्हें 12 मानद डिग्रियाँ और अमरीका का सबसे उच्च नागरिक सम्मान प्राप्त हुये थे | २०१४ में उनके जीवनपर "The Theory of Everything" नामक मूवी भी आई |
उन्होंने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा था |
"I travel widely and have been to Antarctica and Easter Island, down in a submarine and up on a zero-gravity flight. One day, I hope to go into space."
("मैं व्यापक रूप से यात्रा करता हूं और अंटार्कटिका और ईस्टर आइलैंड के लिए गया हूं, नीचे एक पनडुब्बी में और शून्य-गुरुत्वाकर्षण वाले विमान में उड़ान भी भरी है । एक दिन, मुझे अंतरिक्ष में जाने की उम्मीद है।") लेकिन उनका वह सपना अधुरा ही रह गया | और संजोग की बात तो देखिये जिस १४ मार्च को अलबर्ट आइंस्टाईन का जन्मदिन होता है उसी दिन विज्ञान विश्व का यह चमकता सितारा दुनिया को अलविदा कह गया | किसी भी नेता की मौत से देश और दुनिया की हानी होती है लेकिन इस वैज्ञानिक क्षेत्रके नेता की मौत से सम्पूर्ण विश्व की विज्ञानं की एलियन वाले खोज की हानी हुई है |
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