क्या आपने कभी सोचा है ? अंतरिक्ष जब अंतरिक्ष में जाते होंगे तब क्या खाते होंगे ? अंतरिक्ष यात्री मतलब वही जो मून-वून पर जाते है. इंग्लिश में बोले तो Astronaut !
अंतरिक्ष यात्रा के समय अंतरिक्ष यान (rocket) में जो खाने-पिने की चिझे रखी जाती है, वह जादा समय तक टिकी रहे जल्द ख़राब ना हो ऐसे होती है साथ ही साथ उन चीजो का आकार वजन कम होने का ध्यान भी रखा जाता है, अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यात्रियोको वही खाना दिया जाता है जो वह हमेशा खाते है, क्योंकि अंतरिक्ष में नए पदार्थ को पचाने की क्षमता कम होती है,
खाते वक्त चाकू , छुरी का इस्तमाल बिलकुल भी नही किया जाता इसलिए सारे पदार्थ कम आकर वाले होते है. ताकि खानेको मुश्किल ना हो. उदाहरण के लिए रोटी चाकलेट के आकार की होती है जिसका वजन महज सव्वाचार से पांच ग्राम के आसपास होता है. इस तरह की एक रोटि सिर्फ एक ही निवाले में निगल ली जाती है और सारी रोटीया सेलोफिन के थैली में रखी जाती है. भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री आदरणीय राकेश शर्मा जी सोयुज-११ rocket से सेल्यूत-७ अंतरिक्ष lab में गए थे तब उनके लिए अंतरिक्ष lab में पहलेसे ही उनके लिए खाना रखा गया था.
उस खाने में शामिल थे आलू, छोले, शाकाहारी पुलाव और शिरा..... मुंह में पाणी आ गया.
अमेरिका में अंतरिक्ष यात्रीयो के खाने पर खोज करनेवाली बहोत सारी कंपनिया सामने आई है. पिल्सबरी नामक कंपनी ने ‘स्पेस फ़ूड स्टिक’ तैयार की है जो सिगारेट की आकर की है जिसमे ८ % प्रोटीन , ७० % कार्बोहायड्रेड और ९ % विटामिन होता है,
अंतरिक्ष यात्री गोलियोके आकार यह खाना अगर बिना चबाये निगल ले तो भी चलता है लेकिन उनको खानेसे पहले पाणी का इंजेक्शन देकर गिला किया जाता है. उसपर नमक-मसाला भी लगाया जाता है. और एक मजे की बात अंतरिक्ष में प्यास बहोत कम लगाती है क्योंकि अंतरिक्ष में शरीर का खून दिल और दिमाग के भाग में जादा जमा होता है. इसलिए यात्रियोको प्यास ना लगने पर भी पाणी पीनेको कहा जाता है |
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great article
ReplyDeleteIf you do not have control over your mouth, you will not have control over your future.”............... Germany Kent